Sub Domain क्या होता है एवं इसे कैसे बनाये || Sub Domain की पूरी जानकारी जाने हिंदी में

यहाँ आपलोगों को हम बतलाने वाले हैं की Sub Domain क्या होता है , इसे कैसे बनाया जा सकता है , इसके फायदे क्या हैं , इसे हम डोमेन से कैसे जोड़ सकते हैं , साथ ही साथ आपको Sub Domain से संबंधित सारे डाउट के जवाब यहाँ हम आपको देंगे | बहुत सारे लोग Domain और Sub Domain को एक ही चीज मानते हैं लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं होता है |

अगर आप भी एक Sub Domain बनाने की सोच रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हुए हैं , यहाँ हम आपको इससे संबंधित सारे जवाब देने वाले हैं तो चलिए अपने सवालों के जवाब जानते हैं इस post में 👇👇

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    Sub Domain क्या होता है ?

    Sub Domain आपके ही वेबसाइट का पार्ट होता है , जैसे की एक पेड़ के ही कई शाखा होते हैं उसी तरह आप भी समझ लीजिये की आपका जो मुख्य वेबसाइट है वो पेड़ है और Sub Domain उसी मुख्य वेबसाइट का शाखा है |

    आप ऐसे समझिये यह infoshashikant.com जो है यह मेरा Domain है यानी की मुख्य वेबसाइट है और इसी में हम जो Sub Domain बनायेंगे वो कुछ इस प्रकार का होगा जैसे - tech.infoshashikant.com , fashion.infoshashikant.com , click.infoshashikant.com तो ये सब Sub Domain के प्रकार हैं जो की मेरे मुख्य वेबसाइट infoshashikant.com के है |

    आपको हम subdomain के कुछ बड़े example बताते हैं जैसे google.com एक main domain है लेकिन इसी का subdomain google ने बहुत सारा बनाया है जैसे drive.google.com , photos.google.com , docs.gogle.com , meet.google.com इत्यादि | इस तरह आप देख सकते हैं की गूगल ने स्वयं अपने main domain से कितना सारा subdomain बनाया है |

    आपको हम बतलाते चले की WWW(World Wide Web) भी एक Sub Domain ही है जो की बहुत सामान्य है क्युकी इसका उपयोग प्रत्येक वेबसाइट पर होता है जो की आप खुद भी देख सकते हैं |
    main domain को "Top Level Domain" कहा जाता है , जिसे shortcut में TLD भी कहते हैं , जैसे मेरा infoshashikant.com वेबसाइट TLD है और Sub Domain को "Second Level Domain" कहा जाता है , जिसे shortcut में SLD भी कहते हैं , जैसा मैंने बताया tech.infoshashikant.com , fashion.infoshashikant.com , click.infoshashikant.com जो की Sub Domain है तो ये SLD भी कहलायेंगे |

    आपने अगर देखा या सुना होगा तो पाया होगा की ऐसा जरुरी तो नहीं की Sub Domain में अंतिम में मेरे main domain का यूआरएल लगा रहे तो ये बात सच है लेकिन ऐसा मैं क्यों बोल रहा हूँ , वो आप नीचे पढ़े 👇

    Sub Domain के फायदे क्या हैं ?

    यहाँ हम जो आपको Sub Domain के फायदे बतलाने वाले हैं उससे आप यह भी आकलन लगा सकते हैं की यह Sub Domain हमारे लिए क्यों जरुरी है -------

    1. जैसे मान लीजिये की आप अपने मुख्य वेबसाइट पर जो भी post डालते थे वह हिंदी भाषा में होता था लेकिन अब आपकी इच्छा है की हम अपने post को दुसरे भाषा में भी डालेंगे जो भी आपी मर्जी हो लेकिन अब आप दुसरे भाषा के post को तो आप अपने मुख्य वेबसाइट पर तो नहीं डाल सकते है 

    तो इस कारन आपको एक नया वेबसाइट बनाने की जरुरत पड़ती है लेकिन नया में आपको फिर से पैसे लगाने पड़ते हैं डोमेन खरीदने के लिए , लेकिन Sub Domain बनाने पर आपको नया डोमेन खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है |

    2. अगर आपके मुख्य वेबसाइट पर AdSense का approval मिला हुआ है तो उसी वेबसाइट का Sub Domain बनाने के बाद आपको फिर से AdSense का approval नहीं लेना पड़ता है , बस आप अपना Sub Domain AdSense में जोड़ दे और उसके बाद आप कोई भी ad unit बनाकर अपने Sub Domain पर ad लगा सकते हैं |

    3. अगर आप WordPress में कोई मुख्य वेबसाइट पर Sub Domain बनाते है तो आपको अलग से Sub Domain के लिए होस्टिंग की जरुरत नहीं पड़ती है , आप अपने मुख्य वेबसाइट के होस्टिंग में ही Sub Domain को भी जोड़ सकते हैं |

    4. आपको जितने भी niche पर अलग-अलग Sub Domain बनाना है तो आप बना सकते है , लेकिन इसमें लिमिट तय  है आप 500 से ज्यादा subdomain नहीं बना सकते हैं और आपको सभी Sub Domain पर मुफ्त में domain और AdSense का approval मिल जाएगा , अगर आपके मुख्य वेबसाइट पर domain है और AdSense का approval है |

    5. अगर आपके मुख्य वेबसाइट पर domain लगा हुआ है और AdSense का approval नहीं मिला हुआ है तो आपके Sub Domain पर मुफ्त में domain तो मिल जाएगा लेकिन AdSense का approval नहीं मिल पायेगा लेकिन हाँ अगर जैसे ही आपके मुख्य वेबसाइट पर AdSense का अप्पोवल मिलता है तो आपके Sub Domain पर भी ad आना शुरू हो जाएगा , जैसे ही आप अपना Sub Domain AdSense account में जोड़ते है |
    6. आपका main domain और Sub Domain में कोई लगाव नहीं होता है यानी की ये दोनों अलग-अलग होते हैं , इससे यह होता है की आप अपने main domain पर भी अलग post , design कर सकते हैं और Sub Domain पर भी अलग post और design कर सकते हैं |

    तो यही Sub Domain की खासियत है जिससे आप समझ सकते हैं की इसका कितना उपयोग है , Sub Domain क्यों जरुरी है |

    Sub Domain कैसे बनाये ?

    यहाँ हम आपको blogger पर Sub Domain बनाना सिखाने वाले हैं और साथ में आपको हम बतलायेंगे की आप कैसे अपने Sub Domain को domain से कनेक्ट कर सकते हैं |

    यहाँ हम आपको BigRock से ख़रीदे गए domain पर Sub Domain जोड़ना सिखलाने वाले हैं |

    1. सबसे पहले अपने blogger पर जाए , जिससे आपका पहले से main domain जुड़ा हुआ है |

    2. अब आपको ऊपर में ही बायीं तरफ आपका main domain का नाम दिखेगा , उस पर क्लिक करें |

    3. अब आप New Blog... पर क्लिक करें |

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    ध्यान दीजिये main domain और sub domain बनाने का विधि एक ही है बस अंतर इतना है की जब आप नए होते हैं और आपके email से एक भी ब्लॉग नहीं बनाया हुआ रहता है तो उस समय जब आप अपना ब्लॉग create करते ही वो main domain होता है जिसमें आप डोमेन पैसे से खरीदते हैं जबकि sub domain बनाने के लिए हम पहले से ब्लॉग बनाये हुए blogger में ही एक नया ब्लॉग बनाते हैं |

    अब इसके बाद जो भी मांगेगा उसके बारे में हमने post लिखा हुआ है नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर , उसे पढ़े और अपना आगे का विधि करके अपना एक subdomain बना ले |

    4. इस तरह आपने एक Sub Domain बना लिया , जैसे माना की tech.blogspot.com आपने बनाया |

    Sub Domain को Domain से कैसे जोड़े

    5. अब आप अपने subdomain के blogger account में settings में जाए जो की बायीं तरफ दिया हुआ रहता है |

    6. अब Publishing सेक्शन में जाकर Custom Domain पर क्लिक करें |

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    7. अब यहाँ custom domain में आपको कैसे क्या लिखना है नीचे पढ़िए ---

    जैसा की मैंने माना की मैंने अपना tech.blogspot.com एक Sub Domain बनाया और मेरा main domain नाम infoshashikant.com है तो यहाँ मैं कुछ इस प्रकार लिखूंगा www.tech.infoshashikant.com 
    इसी तरह आपने भी जो भी Sub Domain बनाया और आपका जो भी main domain है उसको भी ऐसे ही लिखे जैसे मैंने अपने साथ लिखा |

    8. अब custom domain में लिखने के बाद SAVE पर क्लिक करें |

    इतना करने के बाद आपको कुछ लाल रंग में लिखा हुआ मिलेगा , जिसके बाद आपको आगे क्या करना है , आइये जानते हैं |

    नोट :--- Custom Domain में अपना यूआरएल www. के साथ डाले , जैसे मैं Custom Domain में अपना यूआरएल www.infoshashikant.com डालूँगा |

    याद रहे Custom Domain में www. के पहले https:// न लगाए |

    5. अब आपके डोमेन नेम डालते ही कुछ शब्द लाल अक्षर में दिखने लगेंगे वो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं इसलिए उसे cancel या बैक होकर मत हटाये |

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    अब आप BigRock में जाकर अपने user id और password से लॉग इन करें , जिससे आपने डोमेन ख़रीदा था |
    6. अब आप अपने My account में जाए |

    7. अब आप अपने डोमेन नेम पर क्लिक करें |

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    8. अब आप सबसे नीचे जाए , वहां आपको DNS Management का heading मिलेगा , उसके नीचे आपको Manage DNS का ऑप्शन मिलेगा , उस पर क्लिक करें |

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    9. अब आप CNAME Records पर क्लिक करें |

    10. अब आप Add CNAME Records पर क्लिक करें |
    अब आप ऊपर दिए गए पाचवा विधि को एक बार फिर से ध्यान से देखेंगे तो उसमें आपको डोमेन डालते समय लाल अक्षर में कुछ शब्द दिखाई दिए थे उनमें CNAME लिखा होगा , उसके जस्ट बाद Name और उसके बाद Destination लिखा होगा उसको नोट कर ले |

    इस Name और Destination के बाद आपको एक और Name और Destination मिलेगा , इसे भी आप नोट कर ले |

    11. अब आप Host Name में अपना Name लिखे जैसा मैंने ऊपर बताया है |

    12. अब आप Value में अपना पहला Destination लिखे जैसा मैंने ऊपर बताया है |

    13. अब आप TTL में 144000 लिखे |

    14. इसके बाद Add Record पर क्लिक करें |

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    अब फिर से आप Add CNAME Records पर क्लिक करें |
    15. अब आप Host Name में अपना दूसरा वाला Name लिखे जैसा मैंने ऊपर बताया है |

    16. अब आप Value में अपना दूसरा वाला Destination लिखे जैसा मैंने ऊपर बताया है |

    17. अब आप TTL में 144000 लिखे |

    18. इसके बाद Add Record पर क्लिक करें |

    इतना करने के बाद आपका bigrock से काम ख़त्म हो गया , अब आप वापस अपने blogger के टैब में जाए , जहाँ आप custom domain सेव कर रहे थे |

    19. अब आप Save पर क्लिक करें |

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    इतना करते ही वो डोमेन सेव हो जाएगा , अगर नहीं हो रहा है तो कुछ मिनट बाद फिर से Save पर क्लिक करें , पक्का वो सेव हो जाएगा |
    इस तरह आपके ब्लॉग में Custom Domain जोड़ने का कार्य पूरा हुआ |

    Sub Domain से संबंधित कुछ सवाल जवाब

    1. बहुत सारे subdomain मैंने ऐसा देखा है जो की बिलकुल main domain की तरह ही होता है , कैसे ?
    उतर - ये बात बिलकुल सच है लेकिन ऐसा तभी होता है जब हम अपने subdomain बनाने के बाद उसमें भी अगर हम पैसे लगाकर डोमेन खरीदते हैं तो उस स्थिति में हमारा subdomain भी main domain की तरह ही दिखलाई देता है |

    जैसे - main domain > infoshashikant.com और इसी का subdomain > tech.com तो हुआ न अलग क्युकी मैंने subdomain में भी पैसे लगाये हैं डोमेन खरीदने के लिए |

    2. एक वेबसाइट से हम कितने subdomain बना सकते हैं ?
    उतर - एक वेबसाइट से आप केवल 500 subdomain ही जोड़ सकते हैं , इससे ज्यादा नहीं |

    3. WWW एक domain है या subdomain है ?
    उतर - WWW एक बहुत ही सामान्य subdomain है जिसका पूरा नाम World Wide Web होता है | इसको सबसे सामान्य subdomain इसलिए कहा जाता है क्युकी यह आपको दुनिया के प्रत्येक वेबसाइट से जुड़ा हुआ मिलेगा |

    जैसे - www.google.com , www.youtube.com , www.infoshashikant.com इत्यादि |

    4. main domain और subdomain में कोई लगाव है या नहीं ?
    उतर - जी नहीं , ये दोनों बिलकुल अलग-अलग वेबसाइट आपके बन जायेंगे , जितना मेहनत आप अपने main domain पर करते ही उसी तरह आपको subdomain पर भी करना होगा |

    निष्कर्ष

    यहाँ दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये एवं आपको अगर किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं , हम आपकी पूरी सहायता करेंगे |

    इस जानकारी को आप अपने सभी सोशल मंच पर शेयर जरुर करें ताकि दूसरों को भी कुछ सिखने को मिल सके |
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